Nuh News: नूँह में अरावली की पहाड़ियों में तेंदुए के दो बच्चे, अनोखे बच्चे देख बकरी पालक घर लाए
एशिया की सबसे बड़ी प्राचीन अवशिष्ट पर्वत श्रृंखला अरावली पर्वतमाला है. जोकि हरियाणा के भी कुछ जिलों में फैली हुई है. हरियाणा के नूँह जिले में अरावली पर्वतमाला का विस्तार है. नूँह जिले के कोटला गांव में प्रतिदिन कुछ बकरी पालक बकरियों को चराने के लिए अरावली पर्वत पर लेकर जाते थे. वे प्रतिदिन सुबह बकरियों को लेकर जाते थे और शाम को वापस घर लाते थे. गुरुवार को जब बकरी पालक साहून और सहरून अपनी बकरियों को चराने के बाद वापस आ रहे थे तो उन्हें रास्ते में दो शावक मिले जिन्हें उठाकर वें घर ले आए. उन्हें यह तो पता था कि यह किसी पशु के बच्चे हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि यह दोनों शावक तेंदुए के बच्चे हैं. दोनों शावकों में से एक नर व दूसरा मादा है. उन्होंने घर पहुंचने के बाद इसकी जानकारी ग्रामीण बुजुर्गों को दी बुजुर्गों ने बताया कि यह तेंदुआ नस्ल के आदमखोर जानवर के शावक हैं. जैसे- जैसे यह बात गांव में फैली वैसे वैसे इन्हें देखने के लिए गांव मे लोगों की भीड़ उमड़ने लगी. समाजसेवी राजू ने कहा कि जैसे ही उसे इन शावकों के बारे में पता चला उन्होंने तुरंत वन विभाग को सूचित कर दिया. वन विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और दोनों शावकों को कब्जे में ले लिया. हरियाणा सरकार का अरावली पर्वत पर सफारी जंगल बनाने का लक्ष्य यही है ताकि जंगली जानवर सफारी जंगल पार्क में सुरक्षित रह सके.
नूँह :- नूँह जिले के कोटला गांव के आसपास फैली अरावली की पहाड़ियों में कुछ बकरी पालक प्रतिदिन अपनी बकरियों को चराने के लिए अरावली की पहाड़ियों पर जाते थे. एक दिन जब वे रोजाना की तरह अपनी बकरियों को चराने के लिए अरावली पर्वत पर गए तो उन्हें वहां कुछ ऐसा मिला जिसे देखकर वह घबरा भी गए और खुश भी हुए. गुरुवार को जब वे बकरियों को चराने गए तो वहां अरावली पर्वत पर उन्हें 2 तेंदुआ नस्ल के बच्चे मिले, जिन्हे उठाकर वें घर ले आए.
दोनों शावकों के बच्चो को रखा बड़े प्यार से
ग्रामीण साहून और सहरून ने जानकारी देते हुए बताया कि जब वें प्रतिदिन की तरह बकरियों को चराने के लिए अरावली पर्वत पर गए तो वहां से वापस लौटते समय उन्हें 2 शावक मिले. उन्हें यह तो पता था कि यह बच्चे किसी जानवर के हैं परंतु किस जानवर के है यह नहीं पता था. इसलिए वे इन दोनों बच्चों को उठाकर अपने साथ घर ले आए. साहून और सेहरून इन दोनों नें बच्चों को बड़े प्यार से अपने पास रखा और बकरियों का दूध पिलाया ताकि वह भूखे ना रहे हैं.
शावकों को देखने के लिए इकट्ठा हो गई ग्रामीणों की भीड़
घर आने के बाद उन्होंने इसकी जानकारी ग्रामीण बुजुर्गों को दी बुजुर्गों ने बताया कि यह तेंदुआ नस्ल के आदमखोर जानवर के बच्चे हैं. जैसे- जैसे खबर गांव में फैली वैसे वैसे सभी ग्रामीण तेंदुए के बच्चों को देखने के लिए इकट्ठा हो गए. समाजसेवी राजू दिन ने बताया कि जैसे ही उन्हें मामले की सूचना मिली उन्होंने वन विभाग को सूचित कर दिया था. मामले की सूचना पाते ही वन विभाग की टीमे पहुंची और तेंदुए के दोनों शावकों को कब्जे में ले लिया.
जल्द विकसित किया जाएगा सफारी जंगल पार्क
मामले की सूचना पाते ही गुरुग्राम और नूँह जिले की वन विभाग की टीमे जिले में पहुंची और दोनों शावकों को कब्जे में लेकर वहां से चली गई है. अरावली पर्वत पर बड़ी संख्या में जंगली जानवर कहते हैं जो कभी- कभी पशुपालकों के सामने आ जाते हैं. हरियाणा सरकार अरावली पर्वत पर रहने वाले जंगली जानवरों को एक सुरक्षित स्थान प्रदान करने के लिए ही अरावली पर्वत पर सफारी जंगल विकसित करने जा रही है, ताकि सफारी जंगल पार्क में सभी जंगली जानवर सुरक्षित रह सके.