समोसा बेचकर विकास कुमार कमा रहे है लाखों रूपए महीना, खाने वालों को लेना पड़ता है टोकन
औरंगाबाद :- औरंगाबाद जिला स्वाद को लेकर भी अक्सर चर्चा में रहता है. अंबा का प्रसिद्ध गुड़ लड्डू, खरांटी का पेड़ा, देव का चपचपवा जैसे कई व्यंजन जिले में प्रसिद्ध हैं. जिसको खाने के लिए लाइन लगती है. वहीं जिले के कुटुंबा प्रखंड के माली में स्थित विकास हलवाई के फेमस समोसे के दीवाने भी हजारों हैं. इस समोसे को खाने के लिए रोजाना 200 सौ से अधिक लोगों की भीड़ लगती है.
इस दुकान के मालिक विकास कुमार ने बताया कि वो पिछले 30 साल से समोसा बेचने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके पिता रामचंद्र साव द्वारा इस दुकान में समोसा बनाकर बेचा जाता था जिसके बाद मेरे द्वारा इसका संचालन किया जाने लगा. दुकानदार ने बताया कि इस दुकान में 1.5 रुपये से लेकर अब 6 रुपये तक का समोसा मिलता है. अब दुकान पर समोसे की अधिक डिमांड है. उन्होंने बताया कि रोजाना लगभग 1000 से अधिक समोसे की बिक्री होती है.
बिना लहसुन प्याज का समोसा
विकास हलवाई ने बताया कि यहां के समोसा की खासियत हैं कि यहां बिना लहसुन प्याज के पिछले 30 वर्षों बिक रहा हैं. इसके खाने वाले ग्राहक परमानेंट हैं. वहीं इसमें बादाम, इलाइची, लवण सहित कम मसालों का इस्तेमाल किया जाता हैं. साथ ही इसके शुद्ध रिफाइन में तैयार किया जाता हैं. दुकानदार ने बताया कि इसके लिए इस दुकान में 5 से अधिक कारीगर हैं. समोसा बनाने कि तैयारी सुबह से ही कर दी जाती हैं. रोजाना करीब 50 किलो आलू की इसमें खपत होती हैं.
रोजाना लगभग 1 हजार समोसे की खपत
इस दुकान का समोसा खाने के लिए रोजाना सैकड़ों लोग पहुंचते हैं. समोसे के साथ मिलने वाली चना दाल और सरसों की चटनी ग्राहकों को अपनी ओर खींच लेती हैं. विकास कुमार ने बताया कि इस दुकान के समोसे के डिमांड को देखते हुए इसका ब्रांच बढ़ाने की तैयारी चल रही है. इस समोसा को खाने के लिए दूर-दूर से लोग आते है.