Vish Yog: अगले 2 महीने तक इस खास योग मे रहेंगे शनि देव, इन राशियों के जीवन मे हो सकती है उथल- पुथल
ज्योतिष, Vish Yog :- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह एक निश्चित समय के अनुसार राशि परिवर्तन करते हैं. ग्रहो के राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों पर देखने को मिलता है. कुछ राशि के जातकों को लाभ मिलता है, तो कुछ राशि के जातकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक और शनि देव को कर्म फल दाता और न्याय का देवता के नाम से जाना जाता है. शनि की चाल बेहद धीमी होती है, इसी वजह से यह किसी भी राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं.
आज शनि की राशि में हो रही है चंद्रमा की युति
वही चन्द्रमा लगभग 2 दिन में ही राशि परिवर्तन कर लेते हैं. आज 15 अप्रैल को शनि की राशि में चंद्रमा की युति हो रही है . इस वजह से विष योग का निर्माण हो रहा है. इसका प्रभाव सभी राशि के जातकों पर दिखाई देगा. आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे कि इस दौरान किन राशि के जातकों को थोड़ा संभल कर चलने की आवश्यकता है. आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
इस प्रकार होता है विष योग का निर्माण
ज्योतिष शास्त्र में शनि को एक गुरूर और न्यायप्रिय ग्रह के रूप में जाना जाता है. वही चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है. चंद्रमा का संबंध माता से भी होता है, चंद्रमा का स्वभाव काफी चंचल बताया गया है. जब जातक की कुंडली में दोनों ग्रह एक साथ संबंध बनाते हैं, तो इस स्थिति को विष योग कहते हैं. विष योग का असर ढाई महीने तक कर्क, कन्या और वृश्चिक राशि के जातकों पर दिखाई देगा. इस दौरान आपको थोड़ा संभल कर चलना होगा, आपको काफी मिले-जुले परिणाम देखने को मिलेंगे.
इस प्रकार विष योग के प्रभाव को कर सकते हैं कम
- विष योग के प्रभाव को कम करने के लिए आपको शनिदेव के पास तेल का दीपक जलाना चाहिए.
- विष दोष के प्रभाव को कम करने के लिए गाय और कुत्ते को रोटी खिलाएं, इससे आपको लाभ होगा.
- पीपल के पेड़ को जल अर्पित करके भी आप विष योग के दुष्प्रभावों से छुटकारा पा सकते हैं.
- हनुमान चालीसा का पाठ करें, ऐसा करने से आपको विशेष लाभ मिलेगा.