हरियाणा में बदला मौसम का मिजाज, कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी
हिसार :- हरियाणा में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। गुरुवार दोपहर बाद प्रदेश के कई जिलों में अचानक मौसम बदला और हल्की से मध्यम बारिश हुई। जींद, भिवानी, चरखी दादरी, सिरसा व फतेहाबाद के रतिया व भूना में बारिश हुई। जींद में दोपहर करीब 15 मिनट तक तेज बारिश देखी गई, जिससे मौसम अच्छा हो गया। बारिश के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जिलों में भी आसमान में बादल छाए रहे, खासकर कैथल और आसपास के इलाकों में। इस बदलाव ने जहां आम लोगों को गर्मी से राहत दी, वहीं किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें भी खींच दी हैं, क्योंकि इस समय गेहूं की फसल खेतों में तैयार खड़ी है और कटाई का काम जोरों पर है।

मौसम विभाग ने ओलावृष्टि और तेज हवाओं की संभावना जताई
मौसम विभाग ने 24 से 48 घंटे के लिए हरियाणा में अलर्ट जारी किया है। नांगल चौधरी, नारनौल, अटेली, महेंद्रगढ़, कनीना, भद्रा, लोहारू, दादरी, भिवानी, तोशाम, बावल, रेवाड़ी व बवानीखेड़ा में बादल छाने की संभावना है। ओलावृष्टि और तेज हवाएं चल सकती हैं। ऐसे में किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
बुधवार की आंधी में कई जगहों पर पेड़ गिरे और बिजली की लाइनों को नुकसान पहुंचा
इससे पहले बुधवार शाम को नारनौल क्षेत्र में तेज आंधी आई थी, जिसने महेंद्रगढ़, झज्जर और आसपास के जिलों में भी असर दिखाया। कई जगहों पर पेड़ गिरने और बिजली की लाइनों को नुकसान पहुंचने की खबरें सामने आई हैं। रात के समय तेज हवाओं के कारण सड़कों पर आवागमन भी प्रभावित हुआ।
सबसे ज्यादा असर किसानों पर, उनकी चिंता बढ़ी
इस मौसम परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर किसानों पर पड़ा है। इस समय प्रदेशभर में गेहूं की कटाई का कार्य तेजी से चल रहा है। कई किसानों की फसल अभी खेतों में खड़ी है, जबकि कुछ ने कटाई के बाद खेतों में ही गेहूं की ढेरियां लगाई हैं। बारिश और ओलावृष्टि से ऐसी फसल को भारी नुकसान होने की आशंका है। इसके साथ ही बेल वाली सब्जियां जैसे टमाटर, खरबूजा और तरबूज की फसलों को भी खतरा हो सकता है।
पूर्वी हवाएं चलने से तापमान में हो रही लगातार बढ़ोतरी
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदनलाल खीचड़ के अनुसार, प्रदेश में पिछले 3-4 दिनों से पूर्वी हवाएं चल रही हैं, जिससे तापमान में तेजी से वृद्धि हो रही है। जहां कुछ दिन पहले तापमान 36 डिग्री सेल्सियस के आसपास था, वहीं अब यह 41 डिग्री तक पहुंच गया है। बुधवार को हिसार प्रदेश का सबसे गर्म जिला रहा, जहां तापमान 42.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। डॉ. खीचड़ का कहना है कि यह असामान्य वृद्धि है, क्योंकि यह तापमान आमतौर पर 10 से 15 अप्रैल के बीच देखने को मिलता है, लेकिन इस बार यह 4-5 दिन पहले ही रिकॉर्ड किया गया है। इसका मुख्य कारण है सूर्य की किरणों का सीधा धरती पर पड़ना और पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता का न होना।
14 अप्रैल तक जारी रहेगा मौसम का उतार-चढ़ाव
डॉ. खीचड़ ने बताया कि अब एक नया पश्चिमी विक्षोभ 9 अप्रैल की रात से सक्रिय हुआ है, जिसके चलते बादलवाई और बूंदाबांदी की स्थिति बनी है। इस दौरान हवाओं की दिशा में परिवर्तन होगा। पहाड़ों की ओर से चलने वाली ठंडी हवाएं 4 डिग्री तक तापमान में गिरावट ला सकती हैं, वहीं 14 अप्रैल के बाद फिर से तापमान में बढ़ोतरी की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों ने किसानों से अपील की है कि वे मौसम की जानकारी के आधार पर ही फसल की कटाई और भंडारण का कार्य करें। जिन किसानों की फसल खेतों में पड़ी है, वे बारिश से पहले उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दें या ढंकने की व्यवस्था करें। साथ ही खेतों में मौजूद फसलों के आसपास जल निकासी का भी ध्यान रखें।