इस प्रकार घरों में स्टोर करे गेहूं का अनाज, सालों तक नहीं होगा खराब
नई दिल्ली :- यूपी का सहारनपुर कई प्रकार की खेती करने के लिए जाना जाता है. यहां का मौसम अधिकांश प्रमुख फसलों के लिए अनुकूल है. यहां गेहूं की खेती भी बड़े स्तर पर की जाती है. इस वक्त गेहूं में बालियां बन चुकी हैं और फसल धीरे-धीरे पकाने की कगार पर है. इसके तुरंत बाद किसान भाई गेहूं की कटाई करने लगेंगे. गेहूं की कटाई के बाद बड़ी चुनौती उसके भंडारण की होती है. अगर उसका भंडारण सही से न किया जाए तो कई महीने की मेहनत पर पानी फिर सकता है. ऐसे में क्या किया जाए कि भंडारण करने पर गेहूं सालों तक खराब न हो और न ही उसमें घुन लगे.
इस बारे में लोकल 18 ने सहारनपुर के कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी और प्रोफेसर डॉ. आईके कुशवाहा से बातचीत की. अनाज के सही भंडारण के बारे में डॉ. कुशवाहा कहते हैं कि गेहूं स्टोर करते समय बुझे हुए चूने को कपड़े की छोटी-छोटी पुड़िया में गेहूं में डाल दें या गेहूं में नीम की पत्तियों को सुखाकर डालने से भी सुरसुरी नहीं लगती है. कुछ लोग माचिस और रासायनिक दवाइयों का भी गेंहू भंडारण में इस्तेमाल करते है. इससे भी गेंहू सालों तक चलता है.
भंडारण का तरीका
डॉ. आईके कुशवाहा कहते हैं कि गेहूं भंडारण हमारे बड़े बुजुर्ग भी करते आए हैं, लेकिन आज के समय में एक गेहूं के भंडारण का तरीका बदल चुका है. पहले मिट्टी के कुठलों में गेहूं का भंडारण किया जाता था, लेकिन अब मिट्टी के स्थान पर स्टील, प्लास्टिक और लोहे की टंकियों में स्टोर किया जाता है.
इसका भी रखें ध्यान
डॉ. आईके कुशवाहा के अनुसार, भंडारण करते समय ध्यान रखें कि गेहूं के दानों में मिट्टी न हो. गेंहू में किसी भी तरह के खरपतवार के बीज भी नहीं होने चाहिए. गेहूं की अच्छे से सफाई करने के बाद ही उसे टंकी में डालें. भंडार करते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं. जैसे बुझे हुए चूने को कपड़े की पुड़िया बनाकर गेंहू की टंकी में रख दें. चूना गेहूं की नमी को अवशोषित कर लेगा और गेहूं सुरक्षित हो जाता है. गेहूं का भंडारण सुबह और शाम के समय न करें क्योंकि उस समय मौसम में नमी रहती है. दोपहर के समय ही भंडारण करें. अगर चूना नहीं मिलता है तो माचिस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. कुछ लोग गेहूं भंडारण में रासायनिक दवाइयों का भी इस्तेमाल करते है.