Wheat Variety News: गेहूं की ये किस्म किसानों के लिए सिद्ध होगी वरदान, प्रति हेक्टेयर 83 क्विंटल तक होगा उत्पादन
नई दिल्ली, Wheat Variety :- समय के साथ-साथ मौसम में बदलाव होता रहता है, जिसका प्रभाव सीधे सीधे फसलों पर पड़ता है. प्रत्येक वर्ष कई क्विंटल फसले मौसम में बदलाव की वजह से खराब हो जाती है. मौसम बदलाव या किंटो की वजह से फसलों में या तो कोई रोग हो जाता है या फिर फसले प्राकृतिक आपदा के कारण झड़ जाती है. ऐसे में प्रत्येक वर्ष किसानो को भारी घाटा उठाना पड़ता है. देश के किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए विशेषज्ञ समय समय पर फसलों की नई- नई किस्मो की खोज करते रहते हैं.
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान नें तैयार की गेहूं की तीन किस्मे
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल हरियाणा नें गेहूं की 3 नई किस्मो DBW 370 (करण वैदेही), DBW 371 (करण वृंदा), DBW 372 (करण वरुण) को तैयार किया है. गेहूं की ये तीनों किस्मे किसानो को अच्छा उत्पादन देंगी, साथ ही इस पर बदलते मौसम का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. ICAR-IIWBR द्वारा तैयार गेहूं की ये किस्मे बायो फोर्टीफाइड है. गेहूं की DBW 370 (करण वैदेही) किस्म की प्रति हेक्टेयर 86.9 क्विंटल उत्पादन क्षमता है. यह फसल 151 दिन में पक़्कर तैयार हो जाती है. इसमें 12% प्रोटीन, 37.9 ppm लोहतत्व, 37.8 प्रतिशत जिंक पाया जाता है.
DBW 371 (करण वृंदा)
गेहूं की इस किस्म की खेती देश के कई राज्यों जैसे हरियाणा पंजाब Delhi, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में आसानी से की जा सकती है. गेहूं के इस किस्म में 12.2 प्रतिशत प्रोटीन, 39.9 ppm जिंक और 44.9 ppm लौहतत्व पाया. इस किस्म की फैसले 150 दिन में पककर तैयार हो जाती है और इसकी उत्पादन क्षमता 87.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
DBW 372 (करण वरुण)
गेहूं की इस किस्म की उत्पादन क्षमता 84.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है और इस किस्म की फसलों की ऊंचाई 96 सेंटीमीटर तक होती है. गेहूं की इस किस्म की फसल में 12.2 प्रतिशत प्रोटीन, 40.8 ppm जिंक और 37.7 ppm लोह तत्व पाया जाता है. वहीं गेहूं की इस DBW- 370 किस्म में 151 दिन में पककर तैयार हो जाती है. जानकारी के लिए बता दे कि गेहूं की इन तीनों किस्मो में बीमारी लगने की कम संभावना होती है और यह किस्म पीला और भूरा रतवा रोग प्रतिरोधी है.