WHO Advisory: अब डॉक्टरों को शराब के पेग से बनानी होगी दूरी, सरकार की नई एडवाइजरी से सब हैरान
नई दिल्ली :- डॉक्टरों की तरफ से हमेशा ही अपने मरीजों और आम जनता को नशे से दूर रहने की सलाह दी जाती है. जब भी हम डॉक्टरों के पास इलाज करवाने के लिए जाते हैं, तो वह हमें इस प्रकार की सलाह जरूर देते. उनका पहला सवाल यह होता है कि क्या आप सिगरेट या शराब तो नहीं पीते. जब मरीज की तरफ से उनको हां में जवाब दिया जाता है तो डॉक्टर इन आदतों से दूर रहने की मरीज को सलाह देते हैं. इसी वजह से मरीज के मन में भी कोई ना कोई सवाल उठता ही होगा कि उन्हें सलाह देने वाला डॉक्टर क्या खुद शराब पीता है या नहीं. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ही Government की तरफ से डॉक्टरों के लिए एक जरूरी एडवाइजरी जारी की गई है. आज की इस खबर में हम आपको इस बारे में विस्तार से बताएंगे.
केंद्र सरकार ने डॉक्टरों के लिए जरूरी की एडवाइजरी
सरकार ने विचार-विमर्श के बाद यह मन बनाया है कि डॉक्टरों को भी शराब से दूरी बनानी चाहिए. इसी को लेकर देश के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से डॉक्टरों के लिए एक जरूरी एडवाइजरी जारी की गई है. इसमें कहा गया है कि डॉक्टरों को शराब से दूरी बनानी चाहिए और उन्हें बिल्कुल भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए और ना ही किसी को उन्हें ऑफर करना चाहिए. इस एडवाइजरी में डब्ल्यूएचओ की Report का भी हवाला दिया गया है. WHO के आंकड़े से पता चला है कि देश में तकरीबन 63% लोग खराब लाइफस्टाइल की वजह से अपनी जान गवा रहे हैं.आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
इस वजह से लोग गंवा रहे हैं जान
इसमें सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात तो यह सामने आई है कि इन सभी मौत में सबसे बड़ा कारण दिल की बीमारी है, 27 परसेंट लोगों की मौत इसी वजह से हो रही है. 11 परसेंट लोगों की मौत सांस की बीमारी की वजह से हो रही है. 9 परसेंट लोगों को कैंसर की वजह से अपनी जान गवानी पड़ रही है. इस एडवाइजरी के पीछे Government की सोच यह भी है कि अगर डॉक्टर ही इन बुरी आदतों से दूरी नहीं बनाएंगे, तो समाज में अच्छा संदेश कैसे जाएगा. ऐसे में हेल्थ केयर एक्सपर्ट को आदर्श स्थापित करना चाहिए और सेमिनार वर्कशॉप जैसे आयोजनों में बिल्कुल भी शराब का सेवन नहीं करना चाहिए.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी एडवाइजरी को किया सपोर्ट
डीजीएचएस की चिट्ठी में आंकड़ों के साथ बताया गया है कि दुनिया की तमाम बीमारियों में से 5 परसेंट का कारण शराब की आदत ही है. यदि भारत की बात की जाए तो शराब, तंबाकू, खराब खानपान और आलस बीमारियों की बड़ी वजह बनता जा रहा है. ऐसे में डॉक्टर इन चीजों से दूरी बनाकर लोगों के लिए रोल मॉडल बन सकते हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी इस एडवाइजरी को एकदम सही बताया है. सरकार की एडवाइजरी मिलने के बाद कुछ डॉक्टरों ने मायूसी भी बयां की है. डॉक्टरों का कहना है कि यह पेशा बेहद तनाव भरा होता है, इसलिए Doctors को इंसान समझते हुए उन्हें रहम दी जाए.
इस स्टडी में हुआ डॉक्टरों की इस लत का खुलासा
हाल ही में एक स्टडी भी सामने आई थी, जिसमें डॉक्टरों की शराब पीने की आदतों को हाइलाइट किया गया था. साल 2006 से 2020 के बीच मिले 17 देशों के आंकड़ों पर यदि नजर डाली जाए तो इस स्टडी में 52000 मेडिकल रेजिडेंट और डॉक्टरों से सवाल पूछे गए. इस स्टडी के अनुसार साल 2006 से लेकर 2010 के बीच 16.3% मेडिकल प्रोफेशन को शराब की लत थी. साल 2020 आते-आते यह आंकड़ा तकरीबन 27% तक पहुंच गया था.