Kurukshetra News: हरियाणा के इस मंदिर में महिलाओं का जाना निषेध, सात जन्मों तक विधवा होने का रहता है भय
कुरुक्षेत्र :- हरियाणा का कुरुक्षेत्र जिला धर्म नगरी के नाम से भी जाना जाता है. कुरुक्षेत्र जिले में अलग-अलग देवी- देवताओं के बहुत सारे Temple और तीर्थ स्थल हैं. यहां पर घूमने के लिए दूर- दूर से लोग आते है. यहां पर एक ऐसा Temple भी है जहां पर महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाती. वैसे तो समय के साथ- साथ लोगों की विचारधारा बदलती जा रही है, परंतु कुछ प्राचीन मान्यताएं आज ही हमारे देश में मौजूद है.
महिलाओं का मंदिर में प्रवेश निषेध
कुरुक्षेत्र जिले में एक ऐसा मंदिर है जिसमें महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जाता, मान्यता है कि यदि कोई महिला इस Temple में प्रवेश करती है तो वह विधवा हो जाएगी और अगले सात जन्मो तक ऐसे ही रहेगी. यह मंदिर कुरुक्षेत्र से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पिहोवा में महादेव के पुत्र कार्तिकेय का मंदिर हैं. इस मंदिर में महिलाओं के आने पर पाबंदी लगाई गई है. मंदिर के बाहर Board लगाया गया है, जिसमें महिलाओं को हिदायत दी गई है कि महिलाएं इस मंदिर के अंदर झांके भी नहीं, केवल बाहर से ही हाथ जोड़कर कार्तिकेय महाराज का आशीर्वाद ले ले.
महिलाएं नहीं कर सकती कार्तिकेय पिंडी के दर्शन
मान्यता है कि यदि कोई महिला कार्तिकेय की पिंडी के दर्शन कर लेती है तो वह 7 जन्मों के लिए विधवा हो जाती है. आसपास के लोगों का कहना है कि इस मंदिर में छोटी बच्चियां भी प्रवेश नहीं कर सकती. इस मंदिर से जुड़ी एक कथा काफी चर्चित है कि भगवान गणेश और कार्तिकेय के बीच सबसे पहले पृथ्वी का चक्कर लगाने की प्रतियोगिता हुई थी, जिसमें गणेश जीत गए. गणेश की जीत पर शिव पार्वती खुश हुए और उन्होंने गणेश जी का राजतिलक भी किया. इस पर कार्तिकेय को बहुत क्रोध आया और उन्होंने अपनी खाल और मांस उतारकर माता पार्वती के चरणों में रख दिए थे. यह देख माता पार्वती ने समस्त नारी जाति को श्राप दिया कि जो भी स्त्री कार्तिकेय के इस रूप को देखेगी वह विधवा हो जाएगी और अगले 7 जन्मों के लिए विधवा ही रहेगी.
छोटी बच्चियां भी नहीं कर सकती प्रवेश
प्राचीन समय से इस मंदिर को लेकर यह मान्यता चली आ रही है कि जो भी महिला कार्तिकेय की पिंडी के दर्शन करेगी वह सात जन्म के लिए विधवा हो जाएगी. इसलिए इस मंदिर में महिलाओं और छोटी बच्चियों का प्रवेश निषेध है. इस मंदिर में केवल पुरुष ही प्रवेश कर सकते हैं. महिलाएं केवल बाहर से ही हाथ जोड़कर कार्तिकेय महाराज का आशीर्वाद ले सकती है. कार्तिकेय की पिंडी पर तेल चढ़ाया जाता है.