Cricket News: बेटे के शतक लगाते ही कांवड़ लेकर बैद्यनाथ पहुंचे Yashasvi के पिताजी, बोले- देश का सीना किया चौड़ा
भारत और वेस्टइंडीज के बीच हुए डोमिनिका टेस्ट में यशस्वी जयसवाल ने 215 गेंदों में सेंचुरी बना दी. यशस्वी ने 11 चौके भी लगाए. बेटे की इस उपलब्धि पर उनके पिता बेहद खुश है. पिता का कहना है कि यशस्वी ने ना केवल उनका बल्कि पूरे देश का सीना चौड़ा कर दिया है. बेटे की सफलता को देखते हुए यशस्वी के पिता कांवर लेकर सुल्तानगंज के लिए रवाना हो गए हैं. वहां से जल भरकर वह देवघर के लिए पैदल यात्रा शुरू करेंगे. यशस्वी के पिता का कहना है कि वह अपने बेटे के उज्जवल भविष्य की कामना करने के लिए बाबा के दर्शन करने जाएंगे.
नई दिल्ली :- भारत और वेस्टइंडीज के बीच डोमिनिका टेस्ट आयोजित हुआ है. वेस्टइंडीज के अपने पदार्पण टेस्ट मैच में भदोही के सुरियावां के यशस्वी जायसवाल ने जैसे ही शतक जड़ा चारों और खुशी का माहौल बन गया. पूरे इलाके के लोग खुशी से नाचने लगे. डोमिनिका के विंडसार में खेले जा रहे भारत और वेस्टइंडीज के बीच पहले टेस्ट मैच में Yashasvi ने 215 गेंदों में 11 चौके लगाते हुए अपना पहला शतक पूरा किया.
गुरुवार रात को ही मुंबई से लौटे पिता
शानदार Opening बल्लेबाज के रूप में उभरे बेटे की सफलता को देखते हुए पिता भूपेंद्र जायसवाल शुक्रवार को कांवड़ लेकर सुल्तानगंज (भागलपुर, बिहार) के लिए निकल पड़े. वहां से यशस्वी के पिता उत्तरवाहिनी गंगा से कांवड़ में गंगाजल लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम (देवघर, झारखंड) के लिए पदयात्रा की शुरुआत करेंगे. देवघर और सुल्तानगंज के बीच करीबन 105 Kilometer की दूरी है. उन्होंने बताया कि वह गुरुवार रात को ही मुंबई से वापिस आए है.
पहले ही टेस्ट में लगाया शतक
उन्होंने बताया कि वह अपने बेटे के उज्जवल भविष्य की कामना के लिए बाबा के दर्शन करने जा रहे हैं. यशस्वी जायसवाल के पिता ने कहा कि यशस्वी ने न केवल भदोही बल्कि उत्तर प्रदेश और पूरे देश का मान बढ़ाया है. उनके पिता उनकी इस उपलब्धि पर बेहद खुश हैं. डोमिनिका टेस्ट में यशस्वी ने 215 गेंदों में अपना शतक पूरा किया जिसमें उन्होने 11 चौके लगाए. इस उपलब्धि के बाद वह अपने पहले ही टेस्ट मैच में पहली Century जड़ने वाले 17वें भारतीय खिलाड़ी भी बन चुके है.