अब लाल नहीं बल्कि आएँगी ब्लैक और येलो गाजर, मस्त स्वाद के साथ सेहत भी होंगी दुरुस्त
नई दिल्ली :- हमारे Daily Life में आपने लाल गाजर तो बहुत देखी होंगी. आपने गाजर की सब्जी या हलवा खाया होगा. पर क्या आपको पता है लाल रंग के अलावा गाजर का और रंग भी होता है. जी हां क्या कभी आपने Black या Yellow गाजर देखी है. अगर नहीं तो जल्द ही ऐसा होने वाला है. आपको बता दें कि लुधियाना पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी में जहां वेजिटेबल डिपार्टमेंट की तरफ से किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वह अपने खेतों में ब्लैक ब्यूटी गाजर और येलो बीयूटी गाजर की किस्म का Production करें.
देश में भोजन की नहीं बल्कि पोषण की कमी
तरसेम सिंह ढिल्लों ने बताया कि हमारे देश में भोजन नहीं बल्कि पोषण की कमी है. वहीं, उन्होंने बताया कि शरीर मे पोषक तत्त्व पूरे करने के लिए हरी सब्जियां मुख्य भूमिका निभाती है. जिसमें गाजर का Important Role होता है. पंजाब खेती बाड़ी यूनिवर्सिटी ने गाजर की दो ऐसी किस्म तैयार की है, जिसका नाम ब्लैकमेल ब्यूटी गाजर और येलो ब्यूटी गाजर है. ब्लैक गाजर में अंथोसोथनिट Pigment होता है, जिस वजह से गाजर का रंग काला होता है.
आंखों के लिए बहुत लाभकारी
ढिल्लों ने बताया कि जिन लोगों में आयरन की कमी है. जिन्हें आंखों की समस्या है उनके लिए यह दोनों गाजर बहुत ही Beneficial होती है. भारत में 60 से 70 प्रतिशत लोगों में आयरन की कमी है. यह Black Carrot शरीर को बीमारी से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है. इसमें फिनॉल्स तत्व काफी मात्रा में होता है, जो हमारे शरीर में हुई Iron की कमी को दूर करता है. दूसरी गाजर की किस्म जामुनी और Red रंग की गाजर की किस्म है. जिसमे बीटा केरोटीन आयरन की भरपूर मात्रा होती है. यह गाजर आंखो के लिए काफी अच्छी होती है.
किसानों की बढ़ेगी Income
वहीं, येलो ब्यूटी गाजर में लियोटिन तत्व भरपूर मात्रा में शामिल होता है. जो आंखो की म्यूकस मेबर्न के लिए काफी लाभकारी होता है. किसानों को गाजरों की यह किस्मे उत्पादित करने के लिए जागरूक किया जा रहा है. ब्लैक ब्यूटी गाजर को एक एकड़ में उगाने के लिए ढाई किलो बीज डालना होता है. इसके बीज की कीमत ₹1000 किलो होती है . यह बीज तकरीबन 208 क्विंटल से 217 क्वांटल तक पैदावारदेती है. 1 एकड़ खेत में 60000 से 65000 की लागत होती है और जो गाजर की पैदावार होती है, वह मंडी में वह 160000 से 170000 रुपए गाजर बेचीं जाती है. इस खेती से किसानों की आमदनी भी बढ़ती है.